पापा,
इस दुनिया से जाने के बाद
मेरे लिए सब कुछ छोड़ गए।
पर वह नहीं छोड़े
जिसकी मुझे जरुरत थी।
मैं छूता रहा एक के बाद एक
सफलताओं की चोटी को।
अफ़सोस!
उतर सकूँ ज़मीन पर जिससे
अब वो सीढ़ी न रही.....
Dedicated to my father.......
...........अनिल कुमार 'अलीन'.....
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