Monday, December 26, 2011

एक शिकायत

मेरी सदा-एक शिकायत किसी व्यक्ति विशेष अथवा समूह विशेष से नहीं है परन्तु शिकायत है. हाँ एक शिकायत है.
मेरी सदा:
एक शिकायत है बलि प्रथा के प्रति जिसके कारण बेजुबान पशुओं की धर्म और भगवान के नाम पर बलि दी जाती है.एक शिकायत है दहेज़ प्रथा के प्रति जिसके कारण बहन और बेटियों की अर्थी सजायी जाती है. एक शिकायत है उस समाज के प्रति जहाँ लोग एक तरफ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की बात करते है और दूसरी तरफ अपने घरों को बाटते चले जाते हैं.एक शिकायत है उस समाज के प्रति जहाँ जमीन, नदियों और आसमान के साथ-साथ रिश्तों को भी बाट दिया गया है. एक शिकायत है उस समाज के प्रति जहाँ राम और रहीम की उपासना तो की जाती है पर उनके द्वारा बताये मार्ग का अनुसरण नहीं किया जाता. एक शिकायत है उस समाज के प्रति जहाँ ओनर किल्लिंग के नाम पर दो दिलों के अरमानों को बेरहमी से कुचला जाता हैं. एक शिकायत है उस परंपरा के प्रति जिसके कारण आये दिन मासूम जिंदगियां मौत को गले लगा रही हैं और फिर भी मानवता सोयी हुई है. एक शिकायत है उस परंपरा के प्रति जिसके कारण एक बाप अपनी बेटी की खुशियों का गला घोटने को तैयार है पर उसके खुशियों में शामिल नहीं हो सकता. एक शिकायत है उस परंपरा के प्रति जिसके कारण  एक माँ अपनी बेटी को इस लिए बेरहमी से मारती है क्योंकि वो किसी और जाती के लड़के से शादी करना चाहती है. एक शिकायत है उस परंपरा के प्रति जिसके कारण एक बेटी अपने माता-पिता के खुशियों के खातिर अपने प्यार का बलि दे देती है और अपनी सिसकियों को चहारदीवारी के अन्दर कैद कर लेती है. एक शिकायत है उस परंपरा के प्रति जिसके कारण माता-पिता अपने उन बच्चों की जान लेने को तैयार हो जाते है जिनके कभी एक छोटी-सी तकलीफ से उन्हें रात भर नींद नहीं आती थी. एक शिकायत है उस शान और मर्यादा से जो किसी के जीवन लेने से बढ़ती है और एक जीवन देने से घटती है. एक शिकायत है उस असहाय इज्जत से जो दो दिलों के मिलने से मिट्टी में मिल जाती है और दो दिलों के तोड़ने से आसमान पे रोशन होती है. हाँ  मुझे  एक शिकायत है आपसे और ....खुदसे. 

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